शुक्रवार, फ़रवरी 24, 2012

जैसे कोई ख़्वाब से हिलाकर जगा दिया हो

दिन इधर जो  बीते कुछ इस तरह से  मेरे
जैसे कोई ख़्वाब से हिलाकर जगा दिया हो

दे  कर   सामने    मुरादों  से   भरी  थाली
लेने   की सूरत  में  फ़ौरन  हटा   दिया हो

हसरतें  देकर"रजनी" उमंगों से  जीने  की
आख़िरी ख्वाहिश    में कज़ा दे   दिया   हो