बुधवार, अक्तूबर 13, 2010

नहीं सीख पाया मन मेरा छलावा

"नहीं सीख पाया मन मेरा  छलावा,
जो लगाती मै भी मुखौटा ,
मुझ पर भी चढ़ जाते रंग जमाने के.

"रजनी मल्होत्रा नैय्यर"