गुरुवार, अक्तूबर 07, 2010

नवरात्री में नवदुर्गा से मन की कामना ये है ...

आपसभी को नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएं...........
नवरात्री में नवदुर्गा से मन की कामना ये है .........

नवरातों के नव दिनों में मांगूँ झोली पसार,
हर प्राणी में हो जाये माँ स्नेह का संचार.

फिर से हो रहा सत्य धराशायी,डोल रहा संसार,
अब  रूप बना ले फिर काली का दुष्टों को संहार.

ये विनती श्रद्धा से झोली पसार,
ये विनती श्रद्धा से झोली पसार.

छल और कपट भर गए मन में,झूठ बना व्यापार,
फिर से हो रहा सत्य धराशायी,डोल रहा संसार.

पुण्य जाने कहाँ खो गया,हुई  पाप की जय जयकार.
भर गया पाप का घट फिर से,बढ़ गया अत्याचार.

 फिर से हो रहा सत्य धराशायी,डोल रहा संसार,
अब  रूप बना ले फिर काली का दुष्टों को संहार.

नवरातों के नव दिनों में मांगूँ झोली पसार,
हर प्राणी में हो जाये माँ स्नेह का संचार.

"रजनी मल्होत्रा नैय्यर".