रविवार, जुलाई 04, 2010

कोई वादों की डोर से , बंध कर टूट जाता है.

तोड़ जाता है कोई ,
वादों की डोर को,
कोई वादों की डोर से  ,
बंध कर टूट जाता है.

"रजनी नैय्यर मल्होत्रा "