बुधवार, फ़रवरी 17, 2010

तेरी प्रीत (राजेश की रजनी)

ये नज़्म मेरी ओर से मेरे जीवन साथी राजेश  को, हमारे विवाह के ग्यारहवें वर्षगाँठ पर क्योंकि आज १८ फ़रवरी के दिन ही हमदोनो परिणय  सूत्र में बंधे थे, और तबसे आज तक जीवन का सफ़र उनके साथ प्रेम,मीठी तकरार,आपसी समझ विश्वास के गुजरते रहे.आपसब के आशीर्वाद हेतु इस रचना को आपसब के समक्ष रख रही,हमारा वैवाहिक जीवन सदा खुशियों और सौभाग्य के साथ रहे,ऐसी कामना करती हूँ,मै उनके जीवन में सदा बहार बन कर रहूँ,गुलाब में जैसे उसकी महक,वैसे ही उनकी पनाहों में मेरा जीवन गुजर जाये......

तेरी प्रीत (राजेश की रजनी)
मै रात की रानी हूँ राजेश तेरी दीवानी हूँ|
मै रात  की रानी हूँ,तेरी प्रीत की दीवानी हूँ,
भर जाये जो आँखों में,मै वो शुर्मई पानी हूँ,
वो अगन वो पानी हूँ,अंगार में डूबी कहानी हूँ,
तू राजाओं का राजा है,तो मै रातों की रानी हूँ,
जो कभी ख़त्म ना हो,मै वो अनमिट कहानी हूँ,
न बुझे वो प्यास है प्रीत,हम दोनों को जो बांधे है रीत,
इक डोर में हम जो बांधे कभी,वो डोर कभी न टूटेगी,
सात ज़न्मों की ये डोरी है,ये बंधन कभी न छुटेगी,
माँगा खुदा से हमने साथ मेरे सजन का,
जिस बंधन में बांधा उसने,वो बंधन हो हर एक जन्म का,
जिस प्रीत ने हमें जोड़ दिया,उसे जीवनभर निभाने को,
प्रेम हमारा अमर रहे,बेचैन रहे हम पाने को,
बांधे रखे जिसे प्रेम से,एक ऐसी डोरी हो,
नज़र न लगे कभी किसी की,
राजेश रजनी की जोड़ी को.
मै रात की रानी हूँ राजेश तेरी दीवानी हूँ|