शनिवार, दिसंबर 05, 2009

सिसक रही है अपनी बेबसी पर आज की सीता

आज की सीता
सिसक रही है अपनी बेबसी पर आज की सीता,
हर रावण आज है अपनी मक्कारी से जीता,
कभी सीता ने एक तिनके से डराया था रावण को,
विश्व विजेता कहलानेवाला डर गया था उस तिनके को लांघन को,
थी शक्ति स्वरूपा, वो सति रूप अंशी,
तभी तो रोका न कर पाया रावण कुछ वैसा,
आज तो कदम कदम पर रावण खड़े हैं,
देखें अकेली अबला को तो पीछे पड़े हैं,
एक था रावण तो थी एक सीता,
पर आज तो एक सीता हजारों है रावण,
थर थर कांपती रह जाती पड़े जब सामन,
गिला करे अपनी तकदीर से जो तुने अबला बना दिया,
क्यों न अपनी शक्ति का एक अंश ही प्रदान किया,
शक्ति तुने औरत होकर खुद औरत को न समझा,
अपनी शक्ति का तू जो एक अंश ही देती,
रहती ना अबला ये लुटती न अपने लाज को,
जहाँ जरूरत पड़ जाती वो बन जाती चंडी काली,
हो पाता तेरा ये थोड़ा उपकार तो,
आज कर देती हर रावण का संहार वो,
जो नजरें उठाई,जो हाथ बडाई ,किसी ने अबला जान कर,
जानकर वो भी रह जाता उसकी शक्ति मान कर,
सिसक रही है अपनी बेबसी पर आज की सीता,
हर रावण आज है अपनी मक्कारी से जीता,
एक हैं दोनों रूप अलग है,
फिर क्यों एक शक्ति स्वरूपा कहलाती है,
एक अकेली अबला ही रह जाती है,
हे शक्ति क्यों तेरे आँखों के सामने,एक शक्ति लूट जाती है,
चाह कर भी वो अपना सर्वस्व बचा नहीं पाती है,
आकर इस दुनिया से रावण का संहार कर,या दे दे वो शक्ति,
अपना वो अंश प्रदान कर,
कर सके ये भी तेरी तरह महिषासुर का संहार,
कर ना पाए अबला के लाज पर कोई जान अबला वार,
सिसक रही है अपनी बेबसी पर आज की सीता,
हर रावण आज है अपनी मक्कारी से जीता,

ओ चैन लूटने वाले, मुझे थोड़ा तो करार दे|

जब इंतज़ार हद से गुज़र जाए तो कुछ इस तरह मन की भावनाएं होती हैं.......

ओ चैन लूटने वाले,
मुझे थोड़ा तो करार दे,

दे दे हाथों से अपने,
थोड़ा सा ज़हर,

यूँ तो हमें,
इंतज़ार के,
अग्न में जलाकर,
बेमौत ना मार दे,

हम तो हो गए बस,
यूँ ही कायल तुम्हारे,

नाम तुम्हारा आता है,
खुदा से पहले, होठों पे हमारे ,
जितने भी तेरे पास हैं,
तीर कमान में,
वो सारे,
मेरे जिगर में उतार दे,

उफ़ ना निकले,
होठों से हमारे,

बस इस अग्न से मुझे,
एक बार तो उबार दे,

यूँ तो हमें ,
इंतज़ार के,
अग्न में,जलाकर,
बेमौत ना मार दे,

कौन सी ,
खता है हमारी,
बस,
एक बार तो ,
इजहार दे,

हुक्म तेरा ,
मेरे सर आँखों पर,
क़दमों में तेरे,
मेरी जान वार दे,

ओ चैन लूटने वाले,
मुझे थोड़ा तो करार दे,

खो गया है चैन मेरा,
ज़िन्दगी बेहाल है,

कोई तो मुझे ,
ज़िन्दगी अपनी,
दो चार दिन को,
उधार दे,

ओ चैन लूटने वाले,
मुझे थोड़ा तो करार दे.

"रजनी"